Description
इस मंत्रशास्त्र के ही प्रभाव से प्राचीनकाल में मनुष्य न केवन देवताओं पर विजय प्राप्त करने में सफल होता था, वरन देवों को वशीभूत करके उनसे अपना प्रयोजन भी सिद्ध कर लेता था. इस मंत्रशास्त्र के प्रभाव से ही अनान्य असुर और राक्षस देवों को पराजित करने में समर्थ हुए थे.
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