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Encyclopedia Of Indian Erotics

250
Indian Sastras almost universally lay down three/four aims of life for a normal human being. These, consisting of Artha, Dharma

Mahidhara’s Mantra Mohodadhih (vol. I)

1,000
The Mantramahodadhi (a vast ocean of mantras) enjoys special significance. This Sixteenth Century work, according to Pt. Shukadeva Chaturvedi, is

Mahidhara’s Mantra Mohodadhih (vol. II )

1,000
The Mantramahodadhi (a vast ocean of mantras) enjoys special significance. This Sixteenth Century work, according to Pt. Shukadeva Chaturvedi, is

कंकालमालिनीतंत्रम

100
भगवती काली ही कंकाल मालिनी हैं. कंकाल मालिनी का अर्थ ‘मुण्डमालिनी काली’ है. इस ग्रंथ के आद्यंत पाठ करने पर

नारद पंचरात्र

500
ग्रन्थ में राधिका को स्त्रीदेवताओं में उच्चतम स्थान दिया गया है. भगवान शिव राधा के सहस्रनाम के माहात्म्य की चर्चा

श्रीनीलतन्त्रम

150
निलादेवी दसमहा विद्याओं में अन्यतम द्वितीय महाविद्या तारा देवी का ही रूपभेद मात्रा हैं. प्रत्येक महाविद्या ही एक अखण्ड महाविद्या

हिन्दी मंत्रमहार्णव (देवता खंड)

600
इस मंत्रशास्त्र के ही प्रभाव से प्राचीनकाल में मनुष्य न केवन देवताओं पर विजय प्राप्त करने में सफल होता था,

हिन्दी मंत्रमहार्णव (देवी खण्ड )

1,050
मंत्रशास्त्र की प्रत्येक पुस्तक में लिखा है की पुस्तक में लिखा मंत्र निष्प्रभावी होता है क्योंकि प्रत्येक मंत्र को जागृत

हिन्दी मंत्रमहार्णव (मिश्र खण्ड )

450
इस पुस्तक में मुख्यत – षट्कर्मों, यक्षिणियों, चेटकों तथा अनन्य काम्यकर्मों और कौतुकों आदि से संबंध विस्तृत और प्रामाणिक वर्णन