Description
प्रस्तुत पुस्तक “भ्रमर गीत” की संकलयित्री श्रीमती पद्मावती झुनझुनवाला महाराज के शरण में आयी. उनके शरण में आते ही इस महिला की बालकपन से ही रसानुगामिनी प्रतिभा निखार उठी. लेखनी कागज़ पर थिरकने लगी. “मीरा” के विषय में पद्मजी ने एक गंभीर शोध-ग्रन्थ लिखा जिसे विद्यानों और भक्तों ने पूर्ण सम्मान दिया और जिस पर वे उत्तर-प्रदेश सर्कार द्वारा पुरस्कृत हुई.
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