Description
पंडित व्रज वल्लभ द्विवेदी जी का यह ग्रन्थ उनके चुने हुए निबंधों का एक संग्रह है. उनमें “धर्मों और संस्कृतियों का संघर्ष” शीर्षक एक निबंध भी है. उसी को यहाँ ग्रन्थ का नाम दे दिया गया है. इस ग्रन्थ में द्विवेदी जी के बारह स्वतंत्र निबंध है और तेरहवें लेख में “कालजयी सनातन धर्म” नमक एक ग्रन्थ की समालोचना है.
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