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Paramesvaragamah

700
In the history of Tantric literature, ten Saivagamas and eighteen Rudragamas have been recognised. Pauskar Agama maintains that all the

अनुभवसूत्रम श्रीमायीदेवकृतम

200
प्रस्तुत अनुभवसूत्र ग्रन्थ में श्री मायीदेव ने षटस्थलीसिद्धांत का बहुत सुन्दर विवेचन किया है. श्रद्धा, निष्ठा , अवधान, अनुभव, आनंद

चन्द्रज्ञानागमः (क्रिया-चर्यापादौ) भाषानुवाद -टिप्पणीसहितः

200
Candrajananagamah KriyaCandrajananagamah Kriya-Caryapadau Translation with Notes. Edited by Pt. Vrajavallabha Dwivedi. -Caryapadau Translation with Notes. Edited by Pt. Vrajavallabha Dwivedi.

लिंगधारण चन्द्रिका

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Linga Dharana Chandrika – By Nandikeshwar Shivacharya with “Sharat” Commentary in Sanskrit by M.M. Pt. Shivakumar Shastri and a Hindi

शिवयोगीशिवाचार्यविरचितः श्रीसिद्धान्तशिखामणिः

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Srisiddhantasikhamanih of Sivayogi Sivacarya with Tattvapradipika Sanskrta Commentary By Sri Maritontadarya & Jnanavati Hindi commentary by Dr. Radheshyam Chaturvedi.

सिद्धान्तप्रकाशिका सर्वात्मशंभुना विरचिता भाषानुवाद-टिप्पणीसहिता

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श्री सर्वात्मसम्भु इस ग्रन्थ के रचयिता हैं. संपादक के विचार से सर्वात्मासीवा और सर्वात्मसम्भु में कोई  भेद नहीं है. दोनों