Puru Dadhich
कथक नृत्य शिक्षा (द्वितीय भाग)
इस पुस्तक की रचना भातखण्डे संगीत विद्यापीठ लखनऊ, गन्धर्व महाविद्यालय मंडल - मिरज , एवं प्राचीन कला केंद्र - चंडीगढ़ की विशारद, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय - खैरागढ़ की विद , प्रयाग संगीत समिति - इलाहाबाद की प्रभाकर, राजा मानसिंघ तोमर विश्वविद्यालय - ग्वालियर की विद व संगीत कला रत्न तथा उज्जैन, इंदौर, भोपाल, बड़ौदा, वाराणसी, चंडीगढ़, पटिआला, अमृतसर आदि विश्वविद्यालय की बी.ए परीक्षा के कत्थक नृत्य विषय के पाठ्यक्रमों का सामंजस्य कर की गयी है. स्नातक स्टार के समस्त पाठ्यक्रमों के लिए तो यह पुस्तक समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी ही स्नातकोत्तर स्टार के विद्यार्थियों का भी इससे समुचित लाभ होगा.
कथक नृत्य शिक्षा (प्रथम भाग)
इस पुस्तक की रचना भातखण्डे संगीत विद्यापीठ, लखनऊ, गांधर्व महाविद्यालय मंडल, मिरज इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ तथा राजा मानसिंह तोमर विश्विद्यालय, ग्वालियर की प्रथम एवं मध्यमा प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद की जूनियर व सीनियर डिप्लोमा प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ की नृत्य भूषण तथा उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के कत्थक नृत्य के पाठ्यक्रम के अनुसार की गयी है. विभिन्न विश्वविद्यालयों के बी. ए (नृत्य) के पाठ्यक्रमों के लिए भी यह सामान रूप से उपयोगी है.
पाश्चात्य नृत्य कला
भरतनाट्यम शिक्षा (प्रथम भाग)
इस पुस्तक की रचना भातखण्डे संगीत विद्यापीठ, लखनऊ, गन्धर्व महाविद्यालय मंडल, मिराज एवं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की प्रवेशिका, प्रथम एवं मध्यमा प्रयाग संगीत समिति, इलाहबाद की जूनियर व सीनियर डिप्लोमा प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ की नृत्य भूषण तथा उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के भरतनाट्यम के पाठ्यक्रम के अनुसार की गयी है. विभिन्न विश्वविद्यालयों के बी ए (नृत्य) के पाठ्यक्रमों के लिए भी यह समान रूप से उपयोगी है.