Navjivan Rastogi
काश्मीर शिवाद्वयवाद की मूल अवधारणाएं
आगमिक संस्कृति के सारभूत काश्मीर शिवाद्वयवादी जीवन-दर्शन के प्रति विद्यानों की अनुदिन बढ़ती हुई प्रवृत्ति के बावजूद इस सम्प्रदाय की दार्शनिक, पद्यात्मक/अवधानात्मक और अनुष्ठानात्मक संरचना पर अब तक जो काम हुआ है वह बहुमूल्य होने पर भी अत्यल्प है. इस सन्दर्भा में गंभीर गवेषणा को आगे बढ़ाने के क्रम में यह ग्रन्थ एक प्रारंभिक प्रयास है जिसमें कश्मीर शिवाद्वयवाद के मौलिक चिंतनक्रम में अनुस्यूत आधारभूत विशिष्टा प्रत्ययों को रूपायित कर उनके उन्मीलन से इस सम्प्रदाय में एक अंतर्दृष्टि विक्सित करने की चेष्टा की गयी है.